Skip to content

भारतीय प्रजातियों (races) के वर्गीकरण में कई शारीरिक तथा जैविक लक्षणों को आधार बनाया गया है, इनमें सबसे प्रमुख या निर्णायक लक्षण माने जाते हैं — “नासिक सूचकांक (Nasal Index)” और “सिर की आकृति (Cephalic Index)”।

By | Published | No Comments

भारतीय प्रजातियों (races) के वर्गीकरण में कई शारीरिक तथा जैविक लक्षणों को आधार बनाया गया है, जैसे:

त्वचा का रंग

बालों का रंग और बनावट

सिर की आकृति (cephalic index)

नासिक सूचकांक (nasal index)

आंखों का रंग

रक्त समूह

शरीर की ऊंचाई व बनावट

इनमें सबसे प्रमुख या निर्णायक लक्षण माने जाते हैं — “नासिक सूचकांक (Nasal Index)” और “सिर की आकृति (Cephalic Index)”।

🔹 नासिक सूचकांक (Nasal Index):

यह नाक की चौड़ाई और लंबाई का अनुपात होता है, जिससे यह पता चलता है कि नाक चौड़ी है या पतली। यह प्रजातीय पहचान में एक प्रमुख संकेतक माना जाता है, खासकर भारतीय उपमहाद्वीप जैसे विविध क्षेत्र में।

🔹 सिर की आकृति (Cephalic Index):

यह सिर की लंबाई और चौड़ाई का अनुपात है। इससे यह तय होता है कि सिर डोलिकोसिफैलिक (लंबा), ब्रैकिसिफैलिक (चौड़ा) या मेसोसिफैलिक (मध्यम) है।

निष्कर्ष:

भारतीय प्रजातियों के वर्गीकरण में “नासिक सूचकांक” और “सिर की आकृति (cephalic index)” को सबसे प्रमुख जैविक लक्षण माना जाता है।
इन दोनों के आधार पर ही Haddon, Risley आदि मानवशास्त्रियों ने भारतीय जातीय समूहों का वर्गीकरण किया था।

यदि आपको परीक्षा की दृष्टि से उत्तर चाहिए तो संक्षिप्त उत्तर इस प्रकार हो सकता है:

> प्रश्न: भारतीय प्रजातियों के वर्गीकरण में सबसे प्रमुख लक्षण कौन सा माना जाता है?
उत्तर: नासिक सूचकांक और सिर की आकृति (Cephalic Index)।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *